Thursday, January 19, 2012

हिंदी देश की पहचान



आज कितने दिनों बाद धूप निकली है, अचार को धूप दिखानी कितनी जरूरी है, फंफूदी लगने जा रही थी. नूना ने खत लिखे, दोपहर को पड़ोसिन आयी थी उसे पर्दे सिलने थे. वह गयी तो फिर से वर्षा होने लगी, वे टहलने भी नहीं जा सके. आकाश पर जो बादल थे वह मन पर भी छा गए, मौसम का कितना असर मन पर होता है, तब जून ने हँसाया उलटी सीधी हरकतें करके.
आज घर का काम जल्दी निपट गया है, अब नूना को कुशन कवर व चेयर बैक सिलने हैं, फिर वह उन पर फूल काढ़ेगी. टीवी पर सुना कनिष्क विमान दुर्घटना की अदालती जाँच होगी, अभी तक ब्लैक बॉक्स को खोला नहीं गया है. कानून की यह गुत्थियां उसे समझ नहीं आतीं. राजीव गाँधी का भाषण ही आज के समाचार का मुख्य भाग था, उन्होंने कहा कि नेहरू और इंदिरा की भाषा नीति में जरा भी परिवर्तन नहीं किया जायेगा, उसे अच्छा नहीं लगा. आजादी के बाद भी हम अंग्रेजी को सम्मान तथा हिंदी को हेय दृष्टि से देखते हैं, ऐसा क्या हमेशा होगा....उसने सोचा.

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