Wednesday, February 29, 2012

अकेलापन


कल शनिवार था वे शाम को एक जन्मदिन पार्टी में गए. सितम्बर का आखिरी दिन. आज जून को उम्मीद थी कि पे स्लिप मिल जायेगी, पर नहीं मिली, ज्यादातर एक दो दिन पहले ही आ जाती है, उन्हें बहुत इंतजार था. एक शादी में गिफ्ट देना था, फिर उसके मित्रों ने किसी तरह प्रबंध किया और सबने मिलकर एक उपहार दिया. उन्होंने सोचा कि भविष्य में इस तरह खर्च करना है कि वक्त जरूरत पड़ने पर कोई कमी न महसूस हो.
जून आज बाहर गया है. दोपहर नूना ने क्रोशिये का काम आगे बढ़ाया. कुछ देर किताब पढ़ी. उस का मन नहीं लग रहा. उनके घर के सामने एक नौकरीपेशा उड़िया लड़की रहती है. बहुत खुशमिजाज है. साथ में एक असमिया लड़की भी है जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है. कुछ देर के लिये उनके घर गयी. घर में फोन भी नहीं है, पास में ही किसी के घर पर जून फोन करके उससे बात करता है. सुबह का खाना बच गया है, उसने सोचा कुछ बनाये या उसी से काम चला ले, यूँ बासी भोजन उसे जरा नहीं भाता, दस-बारह घंटे ही हुए हैं अकेले रहते और उसे लग रहा है जून को कई दिनों से नहीं देखा. 

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