Friday, February 3, 2012

आजादी की सालगिरह


पहली बार उसके जन्म दिन पर वे दोनों साथ हैं, आज नूना बेहद खुश है जैसे उसका ही जन्मदिन हो. दोपहर को उसने विशेष भोजन बनाया, उसके आने पर पूरी बनायी, और दोपहर को गुलाबजामुन बनाने का प्रयत्न किया जो बहुत मुलायम होने के कारण टूट गए, जून पेटीज लाया था बाजार से. बनारसी साडी पहनी उसने, फिर वे मोटरसाइकिल पर नदी तक घूमने गए, स्टेशन गए और फिर क्लब, जहाँ ज्वारभाटा फिल्म चल रही थी.
१५ अगस्त ! आजादी की ३८वीं सालगिरह, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में घोषणा की है कि असम आन्दोलन समाप्त हो जायेगा, शांति समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं. और इस तरह पिछले चार-पांच सालों से चली आ रही यह लड़ाई समाप्त होने को है. सचमुच यह बहुत प्यारा उपहार है राष्ट्र को. आज सुबह वे झण्डारोहण देखने तो नहीं जा सके वर्षा के कारण, बस ट्रांजिस्टर पर लालकिले पर हुए कार्यक्रम की रनिंग कमेंट्री सुनी. आयल मार्केट में खूब पटाखे चलाये गये, आवाज तो दिन में आ रही थी, शाम को बिकते हुए भी देखे. आज नूना पुष्पा सिंह के यहाँ गयी,, वही जिससे मिलकर उस दिन आयी थी, बेटा हुआ है, उसे लगा कितने अजीब लगते हैं बिल्कुल छोटे बच्चे.
  

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