Wednesday, May 2, 2012

दीवार पर पोस्टर


कल दिन भर वर्षा होती रही. तेज मूसलाधार वर्षा ओलों के साथ, पर बीच-बीच में दो तीन बार धूप भी निकली थी. अजीब है यहाँ का मौसम. रात भर भी बादल बने रहे होंगे. आज भी हैं पर बरस नहीं रहे, कल शाम जून गया था एक विदाई समारोह में भाग लेने, वह नहीं गयी, अब वक्त-बेवक्त उसका हर कहीं मोटरसाइकिल पर जाना तो ठीक नहीं है न. वैसे वह सामान्य महसूस करती है. उठने-लेटने में थोड़ी परेशानी होती है. उसने बाल धोए थे जो अभी तक गीले हैं, कल रात तेल लगाने में जून ने मदद की. उसने अपना हेयर स्टाइल थोड़ा बदला है पता नहीं जून को कैसा लगे, कल वह कह रहा उसने सीवन गलत जगह निकाली है अपने मूल स्थान पर नहीं.
शाम को वे टहलने गए. हवा ठंडी थी. मौसम स्वच्छ था. सब कुछ पेड़-पौधे, आकाश, अस्त होता हुआ सूर्य, धुली-धुली सड़क, एक दर्शनीय दृश्य बना रहे थे. कचनार के फूलों से लदे पेड़ देखे और कई घरों के सामने खूबसूरत लॉन, जिनमें तरह-तरह के फूल लगे थे. वे दूर तक निकल गए, उसे इस तरह जून के साथ शामों को घूमना बेहद पसंद है. अब कुछ ही दिनों तक वह इस तरह घूम सकती है उसके बाद..उसके बाद वे रात को ही जाया करेंगे उसने सोचा. कल जून ने उनके कमरे में बेड के बांयी ओर की दीवार पर एक सुंदर पोस्टर लगाया जो वे कोलकाता से लाए थे. 

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