Friday, November 2, 2012

परीक्षा की तारीख



सोनू का बुखार उतर गया है, कल उसने दोनों वक्त थोडा भोजन भी खाया, अभी दस-पन्द्रह मिनट बाद वह उसे उठाएगी. वह भी बहुत हल्का महसूस कर रही है, उसे जून की याद हो आई अभी तो ट्रेन में ही होंगे, शाम को उन्हें आगे जाना है. उसके एक्जाम की तारीख आगे बढ़ गयी है, पहले यह खबर उसके लिए शुभ नहीं थी पर अब उसे यह जानकर राहत हुई. उसकी परीक्षाएं सम्भवतः अब पहली मई से शुरू होंगीं.


आज होली है, उसे जून की याद आज कुछ अधिक ही आ रही है, डायरी में उसके लिखे शब्द ‘हैप्पी होली’ उसे छू गए, जाने कब उसने आज के पन्ने पर लिखे होंगे. शाम को उसने वही लाल साड़ी पहनी जो उस दिन उसने उसे दिलाई थी. नन्हे ने ऊं आं शुरू कर दिया और वह उसे उठाकर ऊपर कमरे में ले गयी.
आज उसे जून का पत्र मिला, अब वह राजस्थान के बार्डर पर स्थित किसी आयल फील्ड में है, उसकी कमीज प्रेस करवानी थी पर धोबी नहीं आ रहा है आजकल, उसने सोचा वह खुद ही कर देगी. आज सुबह स्वप्न में उसे देखा, हाई स्कूल या इंटर के एग्जाम चल रहे हैं, कितने वर्ष हो गए उसे स्कूल से निकले, लेकिन स्वप्न में लग रहा था जैसे आज की बात हो. आज  कालेज गयी थी, एक या दो लडकियां ही उसकी तरह स्वेटर पहन कर आई थीं, मार्च आधा बीत चुका है, पर सुबह तो ठंड होती है.

जून परसों रात को आ गए थे, वे लोग अभी सोये नहीं थे, ढेरों बातें हुईं इन चंद घंटों में, वह  वापस भी चले गए हैं, ढेर सारी यादों को छोड़कर. अभी कुछ देर पूर्व ही वे उन्हें स्टेशन तक छोड़कर आए हैं. नन्हा भी गया था जब कि अभी भी वह कमजोर है, शाम को उसकी रिपोर्ट लेने भी जाना है, उसके कालेज का समय बदल गया है, सुबह सवा सात बजे ही उसे जाना है. नन्हा तब तक सोकर भी नहीं उठेगा. उसे चिंता हुई पता नहीं वह दादी से कुछ खायेगा भी या नहीं.
उसकी आशंका ठीक निकली कल नन्हे ने न ब्रश किया और न कुछ खाया था जब वह लौटी, अब वह सुबह जाने से पूर्व ही उठा देगी, इसके लिए रात को भी जल्दी सुला देना होगा. आज नागर मैडम ने ग्राफ बनाना सिखाया, पौलीग्राफ..नन्हे की रिपोर्ट देखने डाक्टर मित्र आए थे, वह घर पर नहीं थी, दवा देने को कह गए हैं, पर अब तो उसे बुखार नहीं है फिर यूँ ही दवा देने का अर्थ..जून का एक कार्ड आया है खूब बड़ा सा, बहुत सुंदर..उसकी स्मृति सहला जाती है, सताना अभी शुरू नहीं किया है, देखें कब तक. बड़ी भाभी का पत्र भी बहुत दिनों के बाद आया है.
कल तो नन्हे ने उसके कालेज जाते समय रोना शुरू कर दिया, अब आठ-दस दिन ही उन्हें और जाना है, अभी भी प्रथम पेपर का कोर्स पूरा नहीं हुआ है बाकी सबका भी थोडा बहुत तो शेष है ही. जून का फोन आया था, उसे अपनी मार्कशीटस् की कॉपी भेजने को कहा, वहाँ एक स्कूल में एप्लाई करने के लिए.
अभी सात बजने में दस मिनट हैं, यानि उसे जाने में पन्द्रह मिनट का समय है. कल दीदी, बड़े भाई, व बड़ी बुआ को पत्र लिखे. जून का पत्र नहीं आया, वह कोलकाता में हैं, कल गोहाटी जायेंगे. माँ ने लिखा है रिजर्वेशन कराने के लिए.


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