Monday, July 28, 2014

अमलतास के फूल


आज नन्हे का जन्मदिन है, सुबह उठा तो खुश था, उसके दादाजी का फोन आया. जून उसके लिए एक किताब और एक पेन्सिल बॉक्स लाये हैं. मित्रों के लिए और क्लास टीचर के लिए चाकलेट्स ले गया है. कल शाम को उसने मित्रों को घर पर बुलाया है. कल उन्होंने गुलाबजामुन भी बनाये और आज बाकी खरीदारी की. कल उन्होंने ‘रिफ्यूजी’ फिल्म भी देखी, उसे अच्छी लगी. आज ‘जागरण’ में गोयनका जी ने बुद्ध के जीवन प्रसंग सुनाये. उनके अनुसार कोई स्वयं ही अपना मित्र है और स्वयं ही अपना शत्रु. जैसा बीज बोयेगा फल वैसा ही होगा. हर क्षण सचेत रहकर भीतर और बाहर जो घट रहा है उसे ध्यानपूर्वक देखने पर वास्तविक ज्ञान होता है. कल रात कुछ देर ध्यान करके सोयी, रात को आने वाले स्वप्न अन्य दिनों से भिन्न थे.

कल उन्होंने नन्हे के जन्मदिन की पार्टी का आयोजन किया, सुबह से व्यस्त थी सो लिख नहीं सकी, न ही रोज के कुछ कार्य भी. कल गर्मी भी बहुत थी और दोपहर भर गैस सप्लाई बंद थी. रात को साढ़े नौ बजे वे सोने गये तो बेहद थके थे. थकान शारीरिक से ज्यादा मानसिक थी नन्हे के सभी मित्र अब बड़े हो गये हैं, लगभग युवा, घर में इतनी भीड़-भाड़ हो गयी, बच्चे  इस कमरे से उस कमरे में शोर मचाते हुए दौड़ रहे थे, भटूरे तलते-तलते उसके चेहरे से पसीने की धाराएँ बह रही थीं, लेकिन उसे यकीन है नन्हे और उसके मित्रों के लिए अवश्य ही आनंददायक अनुभव रहा होगा. जून भी थोड़ा परेशान हो गये थे, सो उन्होंने सोचा है एक वर्ष छोड़कर अगली पार्टी का आयोजन करंगे. कल जून नन्हे के लिए एक सुंदर शर्ट लाये और भी कुछ उपहार जो उसके स्कूल में भी काम आ सकते हैं. आज भी गर्मी बहुत है, सुबह के उसके कार्य सम्पन्न हो गये हैं, दोपहर को पत्र लिखने हैं. Anne frank की पुस्तक दोबारा पढ़ रही है कितनी अपनी सी लगती है Anne.
जून आज शिवसागर गये हैं, बहुत दिनों से एक सखी के आने की बात थी, सो उसने पूछा पर आज उसके पास समय नहीं है. नन्हा आज बारिश में भीग कर (छाते के नीचे भी छींटे तो पड़ते हैं इसका आभास उसे सोमवार को म्यूजिक क्लास में जाकर हुआ) बस स्टैंड तक पैदल गया, बारिश के कारण बस देर से आई सो उसे मिल गयी. आज उसकी छात्रा भी पढ़ने नहीं आ सकी, कारण कल की गर्मी के बाद मौसम में अचानक आया बदलाव और रात से हो रही मूसलाधार वर्षा. बाबाजी के प्रवचन में आज रस नहीं आ रहा, कारण कई हो सकते हैं पर अहम् भाव की प्रधानता है. कल रात स्वप्न में ‘सीक्रेट एनेक्सी’ देखा, वे स्वयं भी उसमें रह रहे थे. यहाँ खिड़की के पास बैठकर हल्की ठंडक महसूस हो रही है. जून और नन्हा दोनों सफर में होंगे, ईश्वर उनकी व सभी की सहायता करेगा. ऐसे में ईश्वर खूब याद आता है वरना तो वे उसके अस्तित्व को भी नकारने में नहीं चूकते, मानव मन भी पूरा अहमक है.
She read the Yiddish proverb, written in the diary , “he who can’t endure the bad will not live to see the good”. Then wrote, so they should endure the bad willingly and with patience. At this moment of her life she has all the good and nothing bad, this beautiful house in a beautiful place on earth with her beloved jun and their darling son. Her heart is full of gratitude towards God, he has given so much. Wealth, prosperity and happiness. When she thinks of people of Kashmir or orrisa, those who are homeless, in pain and are starving and people of those countries where there is no freedom, like in their dear India. They are very lucky to be born in India, the country of gods and truth. Due to recent rain all is looking clean and fresh through her window. There house has a big lawn and a patch for kitchen garden, there is greenery all around and across the road there is a vast tea garden, of course it has a boundary wall but they can see the bigger trees. Just outside their gate on both sides are two trees , one summer tree Amaltas which is blooming these days and other is winter tree with white scented flowers  in February.




2 comments:

  1. नन्हे को बहुत बहुत आशीष!! बच्चों के लिये जन्मदिन एक उत्सव की तरह होता है. यह ऐसा उत्सव है जो किसी भी जाति, धर्म, सम्प्रदाय से अलग है... मगर पार्टी दूसरे दिन क्यों?? शायद छुट्टी का दिन होगा इसलिये!!
    बुद्ध का ज्ञान सचमुच साधारण - किंतु गहन!! जून "शिवसागर" गये या "सिबसागर"?? :)
    मेरी बिटिया के पास देखी थी वो किताब Anne Frank की.. पढा नहीं मैंने!!
    अब कल से नयी नौकरी शुरू हो रही है मेरी... पुरानी नौकरी की नई इनिंग्स!! शुभकाम्नाएँ दें मुझे!!

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  2. नई इनिंग्स के लिए बहुत सी शुभकामनायें....शिव ही सिब है..टेस्ट के कारण जन्मदिन अगले दिन मनाया.

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