Monday, May 2, 2016

योग गुरू बाबा रामदेव


परसों शाम जून ने कहा कि उनके जीवन का लक्ष्य है मन को विचारों से मुक्त करना, जगा हुआ व्यक्ति अपने साथ जागरण की खबर लिए चलता है. रामदेव जी को रोज-रोज सुनने का इतना तो असर होना ही था. परमात्मा ने उनके लिए कितना सुंदर आयोजन किया है, नया वर्ष आने में मात्र दो दिन शेष रह गये हैं, एक कविता लिखनी है जो वह सभी को भेजने वाली है. एक परिचिता की बेटी ने पुत्र को जन्म दिया है, उसके लिए भी एक कविता लिखनी है !

आज वर्ष का अंतिम से पूर्व का दिन है, कल दोपहर लिखी कविता कई जगह भेजी, आज भी भेजनी है. नये वर्ष में वे अपने जीवन में कई परिवर्तन करने वाले हैं. वे नियमित लिखकर अपने मानसिक, शारीरिक व आत्मिक स्वास्थ्य का जायजा लेंगे. एक वर्ष में उन्होंने कितनी उन्नति की, क्या-क्या उपयोग किया, क्या दिया, सभी की सूची बनायेंगे. नये वर्ष में हर रविवार को सुबह वे टहलने जायेंगे, बगीचे को और सुंदर बनायेंगे. उनके सारे संकल्प पूर्ण हों, केवल संकल्प मात्र न रह जाएँ इसका भी पूरा ध्यान रखेंगे. वह एक नई किताब भी लिखेगी तथा यहाँ के स्कूलों की लाइब्रेरी में अपनी किताब भी भिजवायेगी. नये वर्ष में बहुत कुछ नया होगा.


साल का अंतिम दिन ! आज सुबह वे जल्दी उठे, धूप आज भी खिली है, सुबह बदली का आभास हुआ था. कल दोपहर उनके बगीचे में सहभोज का आयोजन है. नये साल का पहला दिन सभी मित्रों के साथ मिलकर मनाया जाये तभी अच्छा है न कि अपने-अपने घरों में बैठकर. आज ध्यान को तीक्ष्ण तलवार बनाकर मन के विचारों का भेदन किया, मन कितना हल्का-हल्का सा लग रहा है. यह तो जादू है, बिलकुल चमत्कार हो जैसे. जून को गुरू का महत्व भी एक दिन समझ में आ ही जायेगा, तब वे दोनों मिलकर वे सब कार्य करेंगे जो सद्गुरू चाहते हैं. आने वाला वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है. उसे सुंदर भविष्य दिखाई दे रहा है. सेवा, सत्संग, साधना और स्वाध्याय करते हुए अपने जीवन को सुंदर बनाने का भविष्य ! सितारों से आगे जहाँ और भी हैं, अभी इश्क के इन्तहां और भी हैं ! अब जीवन के नये-नये रंग सद्गुरू की कृपा से दिखाई दे रहे हैं जैसे आँखों के आगे से कोई पर्दा हटा दे. वे कूप मंडूक की तरह अपने छोटे से जीवन में ही डोलते रहते हैं, लेकिन जीवन तो अनंत है, असीम है, आत्मा की तरह सुंदर है, शिव है और सत्य है, परमात्मा की तरह ! आने वाले वर्ष की ढेरों बधाई !

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