Thursday, August 10, 2017

एओल का आनंद उत्सव


आज शाम पांच बजे से उनका कोर्स शुरू हो रहा है. तेरह वर्ष पहले पहली बार ‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ से जुड़ी थी, तब से अब तक जीवन में कितना परिवर्तन आया है, शब्दों में इसे कहना कठिन है. मन शांत है और बहुत से सवालों के जवाब भी मिल गये हैं. तन, मन दोनों की सफाई भी हुई है. आत्मा और श्वास के संबंध का ज्ञान हुआ है. प्राण ऊर्जा ही आत्मा को इस देह से बाँध आकर रखती है. मन ही खो गया है, पुराना वाला मन और परमात्मा से परिचय हुआ है..पर अभी भी बहुत दूर जाना है, क्योंकि वह अनंत है..उसकी ओर की जाने वाली यात्रा भी. कोर्स के अंतिम दिन का आयोजन भी कितना आनन्द दायक होता है सभी के लिए. आज मृणाल ज्योति के लिए वहाँ के एक कर्मचारी ने आंकड़े भेजे हैं. कुल डेढ़ सौ बच्चे हैं अब वहाँ, स्कूल आगे बढ़ रहा है. ‘विश्व विकलांग दिवस’ के लिए तिनसुकिया के एक स्कूल के बच्चों ने काफी अच्छे पोस्टर बनाये हैं. उन्हें कल धन्यवाद का पत्र लिखेगी. एक अन्य स्कूल के बच्चे और वहाँ की प्रधानाचार्या मृणाल ज्योति के बच्चों से मिलने आ रही हैं. सभी टीचर्स उत्साहित हैं.

‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ के टीचर एक सखी के यहाँ रुके हुए हैं. उसने आज सुबह का नाश्ता बनाकर भेजा उनके लिए, वह एक विदेशी गोरे व्यक्ति हैं पर हिंदी और संस्कृत पर अच्छी पकड़ है. सभी को कोर्स में आनन्द आ रहा है. अंतिम दिन एक प्रतियोगिता है और समूह में सेवा का एक कार्य भी करना है. गुरूजी की तस्वीर के लिए फूलों की एक माला भी उसने बनवाई है नैनी से, शाम को लेकर जाएगी.

कोर्स पूरा हो गया और अंतिम दिन का उत्सव भी. आज सुबह प्रसाद रूप में एक अनोखा अनुभव हुआ, सद्गुरू की कृपा का प्रसाद अनवरत बरस ही रहा है. अब ठंड बढ़ गयी है. आज से गर्म वस्त्र निकाल लिए हैं. आलमारी में उसने मंगनी व शादी की साड़ियाँ देखीं, किनारे से रेशमी धागे निकल आये थे, पीको के लिए दीं तथा पल्लू पर झालर बनाने के लिए भी, इतने वर्षों बाद भी पहले सी सुंदर लग रही थीं. बगीचे में सर्दियों के फूलों की पौध भी लग गयी है. बोगेनविलिया अपने शबाब पर है और जरबेरा के फूल भी खिल रहे हैं. सब्जी बाड़ी में भी लगभग सभी के बीज व पौध लगा दिए हैं. कल से प्रतिदिन एक घंटा बाड़ी में बिताएगी ऐसा निर्णय लिया है. कल कम्पोस्ट खाद भी मंगानी है.

अगले हफ्ते आज ही के दिन विश्व विकलांग दिवस है, उसे उद्घोषणा के लिए स्टेज पर रहना होगा और दोपहर को हॉल की सज्जा के लिए भी जाना है. नन्हे ने उस दिन के लिए कुछ सहायता राशि भेजी है. उसने बताया, उसका एक मित्र लंदन से आया हुआ है. स्कूल के प्रबन्धक ने अपने पुत्र के अन्न प्राशन का निमन्त्रण भेजा है. आज लेडीज क्लब की मीटिंग में एमवे के उत्पाद का प्रस्तुतिकरण भी था. काफी तारीफ की उन्होंने. वे सौन्दर्य उत्पादों के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी उत्पाद बनाते हैं. आज जून ने उसका एक पासपोर्ट साइज फोटो खींचा, पर उसे पसंद नहीं आया. अब चेहरे पर उम्र का पता चलने लगा है, जो कि स्वाभाविक ही है, पर आत्मा तो कभी वृद्ध नहीं होती, वह तो सदा ही एकरस है, सत्यम.. शिवम.. सुन्दरम ! जून आज एक कांफ्रेंस के लिए दिल्ली से आगे जयपुर रोड पर स्थित नीमराना जा रहे हैं. डिब्रूगढ़ का रास्ता रोका जा रहा है, ऐसी खबर सुनकर वह तिनसुकिया होते हुए जाने वाले थे कि किसी ने गलत सूचना दी, रास्ता खुल गया है, पर उन्हें लौटकर पुनः दूसरे रास्ते से जाना पड़ा. एअरपोर्ट पर सूचना भिजवा दी थी, किसी तरह वे लोग समय पर पहुँच पाए. असम में बंद व रास्ता रोको एक सामान्य घटना है पर इसका खामियाजा जिसको भुगतना पड़ता है, वही जानता है. आज प्रधानमन्त्री भी गोहाटी आ रहे हैं.


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